बिजली-पानी बचाओ आइए, विचार करें अधिगम बिंदु बिजली-पानी के महत्व को समझना। सीमित संसाधनों के उपयोग से परिचित होना। पाठ पढ़ना और समझना। शुद्ध उच्चारण करना एवं वर्तनी का ज्ञान। यह कहाँ का चित्र है? चित्र में क्या गलत हो रहा है? ज़रा सोचिए बिजली-पानी बचाना क्यों जरूरी है? सोचकर उत्तर दीजिए। प्रस्तुत पाठ में बिजली व पानी के सीमित उपयोग करने की बात की गई है, क्योंकि ये हमारे सीमित संसाधन हैं। आइए, पाठ पढ़कर जानें। पात्र-परिचय : माँ पिता जी सिड (परदा खुलता है) (सिड अपने कमरे में नहीं है। माँ और पिता जी कमरे में आते हैं। […]
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THE ART OF WHITEWASHING
THE ART OF WHITEWASHING Gear up When children take part in daily chores or household activities, they develop many skills like communicating clearly, negotiating, cooperating and working as a team. They develop the feeling of responsibility also. How do you feel when you are assigned some homesick on your holiday ? Have you ever performed any of the chores shown in the pictures below ? Now get started! It was Saturday which was a holiday. There was no school and no homework to do. Tom was in high spirits. But all joy disappeared when Aunt Polly called him and said, […]
Read moreहम भी कम नहीं
हम भी कम नहीं अधिगम बिंदु आइए, विचार करें चित्र में सिड क्या-क्या काम कर रहा है? क्या लड़कों का घर के काम करना आप सही समझते हैं? हाँ, तो क्यों? नहीं, तो क्यों नहीं? लड़का-लड़की एक समान अथवा भेदभाव रहित समाज बनाना। भाई-बहनों में प्यार, सुरक्षा और साझेदारी का भाव उत्पन्न करना। यह समझना कि लड़कियाँ किसी से कम नहीं। संवादों को उचित हाव-भाव व उतार-चढ़ाव के साथ पढ़ना सीखना। ज़रा सोचिए लड़कियों को लड़कों से कम क्यों समझा जाता है? लड़का-लड़की में भेदभाव करना उचित क्यों नहीं है? -पाठ के बारे में प्रस्तुत पाठ में हम पढ़ेंगे कि […]
Read moreभुवनेश्वर की यात्रा
भुवनेश्वर की यात्रा समझना (अपठित-बोध) समझिए और दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- Comprehension पाँच वर्षों में मैंने भारत के लगभग बीस शहरों की यात्रा की है। पिछले वर्ष ही मैं भुवनेश्वर की यात्रा पर था। मैं दिल्ली से रेलयात्रा का आनंद उठाते हुए अपने सभी साथियों के साथ सुबह लगभग दस बजे भुवनेश्वर पहुँच गया था। हमने पहले ही होटल बुक करवा लिया था। भुवनेश्वर ‘ओडिशा’ की राजधानी है। इसे ‘मंदिरों का शहर’ भी कहा जाता है। प्राचीनकाल के लगभग 600 से अधिक मंदिर हैं, इसलिए इसे ‘पूर्व का काशी’ भी कहा है। धम्म की दीक्षा लेने के बाद […]
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