Admission Archives - FreeJobAlert.Com.de https://www.freejobalert.com.de/category/admission/ Sarkari Result | Sarkari Exam | Free Job Alert | Sarkari Job find Sat, 31 May 2025 15:15:04 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://www.freejobalert.com.de/wp-content/uploads/2025/06/Site-icon-2.png Admission Archives - FreeJobAlert.Com.de https://www.freejobalert.com.de/category/admission/ 32 32 बिजली-पानी बचाओ https://www.freejobalert.com.de/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%93/ https://www.freejobalert.com.de/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%93/#respond Sat, 31 May 2025 15:15:04 +0000 https://www.freejobalert.com.de/?p=81 बिजली-पानी बचाओ आइए, विचार करें अधिगम बिंदु बिजली-पानी के महत्व को समझना। सीमित संसाधनों के उपयोग से परिचित होना। पाठ पढ़ना और समझना। शुद्ध उच्चारण करना एवं वर्तनी का ज्ञान। यह कहाँ का चित्र है? चित्र में क्या गलत हो रहा है? ज़रा सोचिए बिजली-पानी बचाना क्यों जरूरी है? सोचकर उत्तर दीजिए। प्रस्तुत पाठ में बिजली व पानी के सीमित उपयोग करने की बात की गई है, क्योंकि ये हमारे सीमित संसाधन हैं। आइए, पाठ पढ़कर जानें।  पात्र-परिचय : माँ पिता जी सिड (परदा खुलता है) (सिड अपने कमरे में नहीं है। माँ और पिता जी कमरे में आते हैं। [...]

The post बिजली-पानी बचाओ appeared first on FreeJobAlert.Com.de.

]]>

बिजली-पानी बचाओ

आइए, विचार करें

अधिगम बिंदु

बिजली-पानी के महत्व को समझना।

सीमित संसाधनों के उपयोग से परिचित होना।

पाठ पढ़ना और समझना।

शुद्ध उच्चारण करना एवं वर्तनी का ज्ञान।

यह कहाँ का चित्र है?

चित्र में क्या गलत हो रहा है?

ज़रा सोचिए

बिजली-पानी बचाना क्यों जरूरी है? सोचकर उत्तर दीजिए।

प्रस्तुत पाठ में बिजली व पानी के सीमित उपयोग करने की बात की गई है, क्योंकि ये हमारे सीमित संसाधन हैं। आइए, पाठ पढ़कर जानें।

 पात्र-परिचय :

माँ

पिता जी

सिड

(परदा खुलता है)

(सिड अपने कमरे में नहीं है। माँ और पिता जी कमरे में आते हैं। लाइट जल रही है, पंखा चल रहा है।)

माँ – सिड। आज तुमने फिर कमरे में लाइट-पंखा खुला ही छोड़ दिया।

सिड- अरे माँ! मैं भूल गया।

माँ तुम हर रोज भूल जाते हो। इसे भूलना नहीं, लापरवाही कहते हैं।

सिड अच्छा माँ! अब छोड़ो भी।

माँ मैंने तो छोड़ दिया, पर एक दिन तुम अवश्य समझोगे और पछताओगे। अभी भं वक्त है, सुधर जाओ।

(दृश्य-2)

(पिता जी गुसलखाने में जाते हैं। नल खुला हुआ है। पानी बालटी से निकलकर बाहर बह रहा है।)

पिता जी अरे! यह नल किसने खुला छोड़ दिया?

माँ सिड के सिवाय और कौन हो सकता है। उसने ही नल खुला छोड़ा होगा। उ ही नल बंद करने की आदत नहीं है।

अगर बिजली न होती तो क्या होता?

जी, पिता जी।

पिता जी

बेटा, तुमने आज भी नल बंद नहीं किया। तुम्हें अंदाजा भी है कि कितना पानी बरबाद हो गया है।

सिड

पिता जी, जल्दी में रह गया होगा। अगर थोड़ी देर खुला रह भी गया, तो क्या फ़र्क पड़ता है।

पिता जी

बेटा, जल की एक-एक बूँद कीमती है। आज नहीं, तो कल तुम अवश्य समझोगे।

(दृश्य-3)

(सिड हड़बड़ाकर उठता है। जोर-जोर से रोने लगता है। माँ, पिता जी दौड़े-दौड़े सिड के कमरे में आते हैं।)

माँ

क्या हुआ बेटा, मेरा बच्चा सुबह-सुबह क्यों रो रहा है?

बिजली-पानी बचाओं

पिता जी

क्या तुमने कोई बुरा सपना देखा?

सिड

हाँ पापा, मैंने देखा कि मैं घर पर बिलकुल अकेला है। हमारे घर में विजय की कोई व्यवस्था नहीं है। मैं अँधेरे में बहुत डर रहा हूँ। ऊपर से पंच ए०सी० न चलने की वजह से मैं गरमी से बेहाल हूँ।

पिता जी

फिर क्या हुआ?

सिड

मुझे बहुत तेज़ की प्यास लगने लगी। मेरा गला सूख रहा था, पर नल से पा की एक बूँद भी नहीं टपक रही थी। फ्रिज में, मटके में कहीं पानी नहीं थे पापा अगर सचमुच ऐसा हुआ तो क्या होगा?

(माँ, पिता जी एक-दूसरे को देखकर मुसकराने लगते हैं।)

पिता जी

देखा बेटा, मैं और तुम्हारी माँ प्रतिदिन तुम्हें यही समझाते हैं। बिजली और पानी हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अनिवार्य हैं। ऊर्जा के संसाधनों को बचाने से ही हम अपने कल को सुरक्षित रख सकते हैं।

माँ

सिड

बेटा, जल के बिना तो जीवन ही संभव नहीं है। हमारा शरीर 70% पानी…
कठिन शब्दों के अर्थ जानिए-

लापरवाही ध्यान न देना; अवश्य जरूर; वक्त समय; सिवाय अलावा बरवाद-व्यर्थ; कीमती मूल्यवानः प्रतिदिन हर रोज्ज; दैनिक रोज्जमर्रा की, हर रोज की अनिवार्य जरूरी; संसाधनों-साधन; वृक्ष-पेड़ अमूल्य जिसका कोई मोल न हो; सम्मान-आदर।

क्या आप जानते हैं?

लगभग 600 ईसा पूर्व एक महान वैज्ञानिक थेल्स ने पता लगाया कि काँच के टुकड़ों को रेशम या बिल्ली के बाल से रगड़ने पर कौंच में एक ऐसी शक्ति आ जाती है, जो कि अपने से हलकी चीजों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है, लेकिन लोगों ने इसे काला जादू कहकर ध्यान नहीं दिया। बाद में थेल्स ने इस पर काफ़ी शोध किया, फिर यह समझ में आ गया कि ये जादू नहीं, विज्ञान है। थेल्स ने अपने कुछ शोध करने के बाद इसे ‘इलेक्ट्रिसिटी’ का नाम दिया।

श्रुतलेख

लापरवाही, अवश्य, व्यवस्था, अंदाजा, जल्दी, दैनिक…
इस पाठ से हमने सीखा

शब्द-संकेत

बिजली और पानी हमारे लिए बहुत हैं।

खुला

बिजली और पानी संसाधन हैं।

लाइट

नल नहीं छोड़ना चाहिए।

जरूरी

कमरे से बाहर निकलते समय कर देने चाहिए। व बंद

पंखे

सीमित

अभ्यास

पाठ-बोध

1. प्रश्नों के मौखिक उत्तर दीजिए-

(क) सिड की क्या आदत थी?

(ख) पापा ने सिड को क्यों बुलाया?

(ग) किसके बिना जीवन संभव नहीं है?

(घ) हम पानी की बचत के लिए क्या कर सकते हैं?

2. बहुविकल्पी प्रश्न

सही उत्तर के सामने (√) का निशान लगाइए-

(क) सिड क्या भूल गया था?

(i) नाश्ता करना।

(ii) पानी पीना।

Π

(iii) लाइट-पंखा बंद करना।

(ख) गुसलखाने में क्या हो रहा था?

(i) नल में पानी नहीं आ रहा था।

(ii) सिड नहा रहा था।

(iii) नल से पानी बह रहा था।

(ग) सुबह-सुबह सिड क्या करने लगा?

(i) रोने लगा।

(iii) दौड़ने लगा।

(ii) गाना सुनने लगा।

46 हिंदी-
[9:06 pm, 18/05/2025] Rajesh: (घ) सिड ने क्या देखा?

(i) अच्छा सपना

(ii) एक नाटक

K

K

(iii) बुरा सपना

3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) इसे भूलना नहीं, कहते हैं।

(ख) बेटा, तुमने आज भी बंद नहीं किया।

(ग) जल की एक-एक कीमती होती है।

(घ) हमारा 70% पानी से बना है।

(ङ) अनेक कार्यों के लिए हम पर निर्भर हैं।

4. किसने, किससे कहा? लिखिए-

किसने

किससे

(क) “अभी भी वक्त है, सुधर जाओ।”

(ख) “सिड के सिवाय और कौन हो सकता है?”

(ग) “आज नहीं तो कल तुम अवश्य समझोगे।”

(घ) “जल के बिना तो जीवन ही संभव नहीं है।”

(ङ) “अब आगे से मैं हमेशा लाइट और पंखा बंद करूँगा।”

5. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

(क) पिता जी ने सिड को क्या समझाया?

K/C

(ख) रोते हुए कौन उठा?

(ग) सिड ने सपने में क्या देखा?

(घ) सिड ने क्या वादा किया?

HOTS

C-1.3

Critical Thinking

बिजली बनाने के लिए किन-किन चीजों को प्रयोग में लाया जाता है? सोचकर उत्तर बताइए।

बिजली पानी बचाओ

The post बिजली-पानी बचाओ appeared first on FreeJobAlert.Com.de.

]]>
https://www.freejobalert.com.de/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%93/feed/ 0 81
THE ART OF WHITEWASHING https://www.freejobalert.com.de/the-art-of-whitewashing/ https://www.freejobalert.com.de/the-art-of-whitewashing/#respond Sat, 31 May 2025 15:08:21 +0000 https://www.freejobalert.com.de/?p=70 THE ART OF WHITEWASHING Gear up When children take part in daily chores or household activities, they develop many skills like communicating clearly, negotiating, cooperating and working as a team. They develop the feeling of responsibility also. How do you feel when you are assigned some homesick on your holiday ? Have you ever performed any of the chores shown in the pictures below ? Now get started! It was Saturday which was a holiday. There was no school and no homework to do. Tom was in high spirits. But all joy disappeared when Aunt Polly called him and said, [...]

The post THE ART OF WHITEWASHING appeared first on FreeJobAlert.Com.de.

]]>

THE ART OF WHITEWASHING

Gear up

When children take part in daily chores or household activities, they develop many skills like communicating clearly, negotiating, cooperating and working as a team. They develop the feeling of responsibility also.

How do you feel when you are assigned some homesick on your holiday ? Have you ever performed any of the chores shown in the pictures below ?

Now get started!

It was Saturday which was a holiday. There was no school and no homework to do. Tom was in high spirits.

But all joy disappeared when Aunt Polly called him and said, “Look here, Tom! I want you to whitewash the whole fence today. So you’ll not go out to play. Take this bucket of whitewash and this brush and set to work immediately.”

1. Saturday holiday In most western countries they have a five-day week (Monday to Friday). The last day (Saturday) and the first day (Sunday) are called the Weekend. Each Weekend is a holiday, just as in our country each Sunday is a holiday; 2. in high spirits- very cheerful; 3. whitewash-powdered lime or chalk mixed with water, used for painting: 4. fence structure of wooden posts put round a field or garden to mark a boundary or keep animals away: 5. set to begin doing something energetically.

Tom looked at the fence and then at the bucket full of whitewash, Such a big fence and such a lot of whitewash ! Tom felt very sad.

Suddenly a very brilliant idea came to his mind. He took up his brush and started the work silently.

“IT my “N

Soon he saw Ben coming that way. Ben had a nice red apple in his hand. To Tom’s mouth watered but he continued to whitewash.

Ben wanted to make fun of Tom. He walked up to him and said, “Hello, Tom! Have you got to work even on a holiday ?”

“Work!” said Tom. “What do you call work?”

“Why, isn’t that work?”

Tom returned to his whitewashing and replied, “Well, maybe it is; maybe it is not. All I know is that it delights Tom Sawyer.”

Tom carefully swept his brush like an artist. Then he stepped back to study the effect. He

added a touch here and a touch there.

Ben watched every move. He was getting more and more interested. At last he said, “Tom, please let me whitewash a little.”

“No, no !” said Tom. “Aunt Polly is very particular about this fence. It has to be done very carefully. There is hardly one boy in a thousand who can do it the right way.”

“Is that so?” asked Ben in surprise. “Tom, I’ll be very careful. Please let me try just a little.”

Tom said in a voice of sympathy and kindness, “Ben, I would let you try but you don’t know Aunt Polly. She would kill me. Jim wanted to do it but she wouldn’t let him. She wants me and me alone to do it.”

1. make fun of ridicule, laugh at; 2. have got to have to; 3. work physical or mental labor, 4. maybe perhaps; 5. swept (sweep-swept-swept) moved over (the fence); 6. effect – change or result produced by an action; 7. move action, movement; 8. let allow; 9, particular careful, giving close attention to something; 10. just only.

 

“I’ll be careful, Tom,” begged Ben. “Please let me try. I’ll give you half my apple.”

“No, no, Ben. I am afraid

“I’ll give you all my apple.”

Tom gave Ben the brush and took his apple. Ben set to work in the hot sun. Tom sat down happily on a barrel and ate Ben’s apple.

He kept telling Ben again and again: “Ben, look at that part of the fence. You haven’t done it rightly. Do it again or Aunt Polly will be angry.”

Poor Ben sweated in the sun for a long time.

When Ben was tired out, Tom sold the next chance to Billy for a kite. When Billy got tired, Johnny bought his turn for a pair of marbles. Thus every boy paid some price to get his chance of whitewashing the fence.

By mid-afternoon Tom had run out of his whitewash. The fence received three coats of whitewash and Tom had earned a number of playthings. He got, besides the things already mentioned, twelve marbles, a tin soldier, a toy-dog’s collar, the handle of an old knife and a big old key.

When the whitewashing was finished, Tom went indoors to tell his aunt.

“May I go out to play now ?” asked Tom.

“How much whitewashing have you done?”

“All of it. The fence is quite finished.”

“Finished! Let me see it myself.”

1. sweated-worked so hard that sweat came out of his body; 2. tired out-completely tired; 3. mid-afternoon the middle part of the afternoon (i.e. about 3-4 p.m.); 4. run out of finish; 5. coats -layers; 6, earned got in return; 7. besides in addition to; 8. mentioned written or spoken; 9. collar a leather band put round a dog’s neck; 10. Indoors into the house; 11. quite completely.

The Art Of Whitewashing
Aunt Polly went out to see for herself. She was ver surprised. She could hardly believe her eyes!

“Well, Tom,” she said, “you’ve worked well. Now go and play, but don’t be late home.”

Aunt Polly fetched the be apple from her cupboard and gave it to Tom.

1. hardly almost not: 2. fetched went for and brought

Comprehension Skills

Answer the following questions:

1. How did Tom feel when Aunt Polly asked him to whitewash the fence?

2. Why did Ben want to make fun of Tom ?

3. Why did Ben want to do the whitewashing ?

4. What did Tom do while Ben was whitewashing the fence ?

5. Did Tom let the other boys whitewash the fence ?

6. What playthings did Tom get from the other boys ?

7. What was it that surprised Aunt Polly ?

8. How did Tom’s Aunt reward him for his good work?

 

 

The post THE ART OF WHITEWASHING appeared first on FreeJobAlert.Com.de.

]]>
https://www.freejobalert.com.de/the-art-of-whitewashing/feed/ 0 70
हम भी कम नहीं https://www.freejobalert.com.de/%e0%a4%b9%e0%a4%ae-%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82/ https://www.freejobalert.com.de/%e0%a4%b9%e0%a4%ae-%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82/#respond Sat, 31 May 2025 14:55:58 +0000 https://www.freejobalert.com.de/?p=60 हम भी कम नहीं अधिगम बिंदु आइए, विचार करें चित्र में सिड क्या-क्या काम कर रहा है? क्या लड़कों का घर के काम करना आप सही समझते हैं? हाँ, तो क्यों? नहीं, तो क्यों नहीं? लड़का-लड़की एक समान अथवा भेदभाव रहित समाज बनाना। भाई-बहनों में प्यार, सुरक्षा और साझेदारी का भाव उत्पन्न करना। यह समझना कि लड़कियाँ किसी से कम नहीं। संवादों को उचित हाव-भाव व उतार-चढ़ाव के साथ पढ़ना सीखना। ज़रा सोचिए लड़कियों को लड़कों से कम क्यों समझा जाता है? लड़का-लड़की में भेदभाव करना उचित क्यों नहीं है? -पाठ के बारे में प्रस्तुत पाठ में हम पढ़ेंगे कि [...]

The post हम भी कम नहीं appeared first on FreeJobAlert.Com.de.

]]>

हम भी कम नहीं

अधिगम बिंदु

आइए, विचार करें

चित्र में सिड क्या-क्या काम कर रहा है?

क्या लड़कों का घर के काम करना आप सही समझते हैं? हाँ, तो क्यों? नहीं, तो क्यों नहीं?

लड़का-लड़की एक समान अथवा भेदभाव रहित समाज बनाना।

भाई-बहनों में प्यार, सुरक्षा और साझेदारी का भाव उत्पन्न करना।

यह समझना कि लड़कियाँ किसी से कम नहीं।

संवादों को उचित हाव-भाव व उतार-चढ़ाव के साथ पढ़ना सीखना।

ज़रा सोचिए

लड़कियों को लड़कों से कम क्यों समझा जाता है?

लड़का-लड़की में भेदभाव करना उचित क्यों नहीं है?

-पाठ के बारे में

प्रस्तुत पाठ में हम पढ़ेंगे कि कैसे एक परिवार में बेटे और बेटियों के बीच भेदभाव किया जाता है, लेकिन समय आने पर बेटियाँ सिद्ध कर देती हैं कि वे किसी से कम नहीं।

पात्र : मम्मी-पापा; दो बहनें अलीशा (12 वर्ष); सारा (11 वर्ष); भाई नील (9 वर्ष); 3 अन्य लड़के (12-13 वर्ष के)

स्थान : एक साधारण घर। चारपाई के सामने एक छोटी सी मेज कुरसी; मेज पर दूध भरा गिलास और प्लेट में दो लड्डू

[ पहला दृश्य |

(परदा उठता है।)

(मम्मी चारपाई पर बैठी हैं। नील कुरसी पर बैठा है।)

मम्मी : बेटा, जल्दी से लड्डू खा ले। तेरी बहनें देखेंगी तो माँगने लगेंगी।

नील :

(खिलखिलाकर) मम्मी, आपने मुझे लड्डू बना दिया है। मेरी कक्षा के सभी बच्चे मुझे ‘घटोत्कच’ कहकर चिढ़ाते हैं।

मम्मी :

अरे, वे सब तुमसे जलते हैं। तुम पढ़ने में उनसे आगे जो हो। देखो, इस बार तुम्हें ‘बेस्ट स्टूडेंट अवॉर्ड’ भी तो मिल रहा है।

(अलीशा अंदर आती है।)

अलीशा : (लड्डुओं की

ओर देखकर) अच्छा जी, सारे लड्डू नील को ही खिलाए जा रहे हैं। मम्मी, मुझे भी लड्डू चाहिए।

मम्मी : पंडित जी ने प्रसाद

में दो ही लड्डू दिए थे। वही इसे दिए हैं। खाने दे भाई को। इसे अभी बहुत पढ़ना है। पता है न, इस बार भाई को कौन-सा अवॉर्ड मिल रहा है?

अलीशा : (मुँह बनाकर) हुँह! तो क्या हुआ? पहली बार ही तो यह अवॉर्ड मिल रहा है। मैं भी तो अपनी फुटबॉल टीम की कप्तान हूँ। मुझे जब कप और मेडल मिलते हैं, तब तो आप इतना खुश नहीं होतीं। मुझे तो स्कूल से बाहर खेलने की इजाजत भी नहीं है।

 सारा : (आँखें मलती हुई आती है) मम्मी, भूख लगी है। मैं भी लड्डू खाऊँगी।

मम्मी : लो. दूसरी देवी जी भी आ गईं। इन दोनों को तो भाई का कुछ खाना सुहाता ही नहीं है। (नील जल्दी से दोनों लड्डू मुँह में दूँस लेता है।)

अलीशा : (नील को घूरकर देखती है) हम दोनों को एक लड्डू में से आधा-आधा नहीं दे सकता था? देख, लड्डू खा-खाकर कैसा लड्डू होता जा रहा है।

मम्मी : देखो, कैसी जबान है इसकी। अपने भाई की सेहत पर नजर लगा रही है। अरे, बढ़ती उम्र का बच्चा है।

अलीशा : हाँ-हाँ, तो लंबाई में बढ़े न! इसका तो केवल पेट ही बढ़ रहा है। सब कुछ इसे ही मिलता है। हमें तो दूध भी पानी, चाय पत्ती मिलाकर दिया जाता है

और इसे मलाई वाला दूध! (नील मुँह चिढ़ाकर हँसता है।)

मम्मी : बड़ी आई हिसाब-किताब करने वाली! तुम दोनों को तो अपने घर जाना है। मेरा नील बुढ़ापे में हमारी सेवा करेगा। (प्यार से नील को गले लगाती हैं।) दाल-रोटी रखी है। जाओ खा लो। (अलीशा पैर पटकती हुई भीतर जाती है। पीछे-पीछे सारा भी जाती है।)

[दूसरा दृश्य ]

पापा : नील बेटा, मान जाओ! अगले महीने पगार मिलते ही तुम्हारे लिए नई कमीज ले आऊँगा।

नील : पापा, मेरी सारी कमीजें छोटी हो गई हैं। मैं अवॉर्ड फंक्शन में कैसे जाऊँ?

अलीशा : (मुँह छिपाकर हँसती है) और खाओ, दूँस-दूँसकर…

नील : पापा, देखो मुझे यह चिढ़ा रही है।

पापा : (अपने ही विचारों में खोए हुए अचानक जैसे कुछ याद आ गया हो) अरे! हाँ, यह सही रहेगा। अलीशा, तुम अपनी नई टी-शर्ट ले आओ, जो स्कूल वालों ने तुम्हें फुटबॉल मैच खेलने के लिए दी थी।

अलीशा : (अपने आप से) अब मेरे कपड़े भी इन्हें मिलेंगे? (जोर से) मगर पाया, वह तो लड़कियों…

पापा : (बीच में ही टोककर) अरे! आजकल सब चलता है। तुम्हारी माँ उसे सिलकर नील के नाप की कर देंगी।

उत्तर दीजिए

नील की कितनी बहनें थी?

नील की सेहत कैसी थी?

नील : (मुँह फुलाकर) पापा, सब लोग मेरा मजाक उड़ाएँगे।

पापा : (प्यार से) बेटा, बस इस बार मान जाओ। मैं एक नहीं, तुम्हारे लिए दो-दो कमीजें ले आऊँगा।

[तीसरा दृश्य |

पापा : तुम तीनों जाओ। हम ठीक समय पर अवॉर्ड फंक्शन में पहुँच जाएँगे।

(दृश्य बदलता है)

(तीनों भाई-बहन पैदल स्कूल जा रहे हैं। तीन लड़के सामने से आ रहे हैं।)

पहला लड़का : (नील की ओर इशारा करके) अरे! यह तो घटोत्कच ही है न?

दूसरा लड़का : (हँसते हुए) नील नहीं, नीलम है। इसकी जरा कमीज तो देखो!

तीसरा लड़का : इसे लड़की बनने का बड़ा शौक है! बस जरा पतला हो जाता फिर..

(तीनों लड़के ठहाका लगाते हैं।)

अलीशा : (तीनों लड़कों को गुस्से से घूरते हुए) चुप रहो वरना पछताओगे।

नील : (फुसफुसाकर) अलीशा, इनसे पंगा मत ले। ये लोग स्कूल के दादा हैं।

अलीशा : (बिना डरे, जोर-से) रहने दे नील, दादा होंगे अपने घर के। मुझसे उलझे तो ठीक नहीं होगा।

पहला लड़का: अच्छा, क्या कर लेगी तू?

(अलीशा तेजी से उछलकर उस पर वार करती है। लड़का लड़खड़ाकर गिर जाता है। बाकी दोनों लडके भौचक्के रह जाते हैं। नील भी हैरानी से अपनी बहन को देखता है।)

सारा

: (आगे आकर) अब क्या, तुम दोनों को भी इसी तरह समझाना पड़ेगा?

(तीनों लड़‌के सिर झुकाए चुपचाप चले जाते हैं।)

सारा : अलीशा, तुममें इतनी ताकत कहाँ से आ गई? मरगिल्ली-सी तो हो तुम !

अलीशा : अच्छा, कोई मेरे भाई को तंग करेगा तो क्या मैं चुप रहूँगी? मैं किसी से कम हूँ क्या?

नील : दीदी, आपने मुझे बचा लिया। ये तीनों हमेशा मेरा मजाक उड़ाते थे।

अलीशा : ओ हो! आज तो मेरा भाई मुझे ‘दीदी’ कह रहा है! चलो, कोई बात नहीं। फिर कभी इन्होंने ऐसा किया, तो मुझे बताना। अब तो अपनी चीजें हमारे साथ बाँटकर खाओगे न ! (नील शरमाकर मुँह नीचे कर लेता है। दोनों बहने हँसती हैं।)

-कठिन शब्दों के अर्थ जानिए-

घटोत्कच-महाभारत का एक पात्र (भीम-हिडिंबा का पुत्र जिसका पेट घड़े जैसा था।); जलते ईष्यां करते; इजाजत-अनुमति; सुहाता अच्छा लगता; सेहत- स्वास्थ्य; नजर लगना टोकना; हिसाब-किताब करना-जाँचना; पैर पटकना गुस्सा होना; पगार तनख्वाह, वेतन; दूँस ठूंसकर जबरदस्ती मुँह में भरकर; मुँह फुलाकर-रूठकर; फुसफुसाना बहुत धीरे बोलना; पंगा-झगड़ा; दादा-बिना बात लड़ने-झगड़ने वाला; भौचक्का आश्चर्यचकित; मरगिल्ली-सी-बहुत अधिक दुबली-पतली।

क्या आप जानते हैं?

Integrated Learning

भारत के मेघालय राज्य में कुछ ऐसी जनजातियाँ हैं, जिनमें विवाह के बाद लड़की को नहीं, लड़के को अपनी पत्नी के घर जाकर रहना पड़ता है। बच्चों को पिता का नहीं, माँ का उपनाम दिया जाता है।

The post हम भी कम नहीं appeared first on FreeJobAlert.Com.de.

]]>
https://www.freejobalert.com.de/%e0%a4%b9%e0%a4%ae-%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82/feed/ 0 60
भुवनेश्वर की यात्रा https://www.freejobalert.com.de/%e0%a4%ad%e0%a5%81%e0%a4%b5%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be/ https://www.freejobalert.com.de/%e0%a4%ad%e0%a5%81%e0%a4%b5%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be/#respond Sat, 31 May 2025 14:20:11 +0000 https://www.freejobalert.com.de/?p=45 भुवनेश्वर की यात्रा समझना (अपठित-बोध) समझिए और दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- Comprehension पाँच वर्षों में मैंने भारत के लगभग बीस शहरों की यात्रा की है। पिछले वर्ष ही मैं भुवनेश्वर की यात्रा पर था। मैं दिल्ली से रेलयात्रा का आनंद उठाते हुए अपने सभी साथियों के साथ सुबह लगभग दस बजे भुवनेश्वर पहुँच गया था। हमने पहले ही होटल बुक करवा लिया था। भुवनेश्वर ‘ओडिशा’ की राजधानी है। इसे ‘मंदिरों का शहर’ भी कहा जाता है। प्राचीनकाल के लगभग 600 से अधिक मंदिर हैं, इसलिए इसे ‘पूर्व का काशी’ भी कहा है। धम्म की दीक्षा लेने के बाद [...]

The post भुवनेश्वर की यात्रा appeared first on FreeJobAlert.Com.de.

]]>

भुवनेश्वर की यात्रा

समझना (अपठित-बोध)

समझिए और दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

Comprehension

पाँच वर्षों में मैंने भारत के लगभग बीस शहरों की यात्रा की है। पिछले वर्ष ही मैं भुवनेश्वर की यात्रा पर था। मैं दिल्ली से रेलयात्रा का आनंद उठाते हुए अपने सभी साथियों के साथ सुबह लगभग दस बजे भुवनेश्वर पहुँच गया था। हमने पहले ही होटल बुक करवा लिया था। भुवनेश्वर ‘ओडिशा’ की राजधानी है। इसे ‘मंदिरों का शहर’ भी कहा जाता है। प्राचीनकाल के लगभग 600 से अधिक मंदिर हैं, इसलिए इसे ‘पूर्व का काशी’ भी कहा है। धम्म की दीक्षा लेने के बाद अशोक ने यहाँ पर बौद्ध स्तूप का निर्माण कराया था, * इसलिए यह बौद्ध धर्मावलंबियों का भी एक बड़ा तीर्थस्थल है। हम जिस होटल में ठहरे में, उसके निकट ही राजा-रानी मंदिर है, इसलिए सबसे पहले हम उसी के दर्शन के लिए पहुँचे। इस मंदिर की स्थापना ग्यारहवीं शताब्दी में हुई थी।

(क) भुवनेश्वर कहाँ की राजधानी है?

(ख) भुवनेश्वर को किसका शहर कहा जाता है?

(ग) भुवनेश्वर में कितने मंदिर हैं?

(घ) भुवनेश्वर में बौद्ध स्तूप का निर्माण किसने करवाया था?

(ङ) राजा-रानी मंदिर की स्थापना कब हुई थी?

 

मान लीजिए आप बस में बैठे हैं, तभी एक बुजुर्ग आपकी सीट के पास आकर खड़े हो गए। आप क्या करेंगे? अपने विचार से एक अनुच्छेद लिखिए-

तीय स्थल पहाड़ी स्थान; आनंद-मज्जाः ग्रीष्म अवकाश गरमी की छुट्टियाँ खुशी का ठिकाना रहना बहुत खुश होना: वातानुकूलित वातावरण के अनुकूल; प्रस्थान-जाना; मधुर-मीठा काल सुबह का समयः स्वच्छ साफ़ गंतव्य-जाने का स्थान अत्यंत बहुत अधिक: विभोर बहुत प्रसन्न हो जाना; दृश्य नजारा प्रतीत-लगना, मालूम अधिकांश-अधिकतर।

क्या आप जानते हैं?

Integrated Learning

सीताल को ‘सरोवर नगरी’ व ‘झीलों की नगरी’ भी कहा जाता है। विश्व पर्यटन के मानचित्र पर यह एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जहाँ पर सबसे ज्यादा झीलें हैं। नैनीताल में विभिन्न ताल हैं। यहाँ कुमाऊँ की सबसे बड़ी झील ‘भीमताल’ है और सबसे गहरी झील ‘नौकुचियाताल’ है।

श्रुतलेख

पांतीय, स्थल, ग्रीष्म, अवकाश, वातानुकूलित, प्रस्थान, स्वच्छ, अत्यंत, दृश्य, प्राकृतिक, सौंदर्य, पत्थर, प्रसिद्ध।

खेल का समय

Art-Integrated Learning

दिए गए बस के चित्र में रंग भरिए-

एक चार्ट पर चित्र बनाकर बादल बनने की प्रक्रिया समझाइए।

-चित्र-आधारित प्रश्न

चित्र देखकर प्रश्नों के उत्तर कॉपी में लिखिए-

(क) यह कहाँ का दृश्य है?

(ख) किसान क्या देख रहा है?

(ग) किसान बादलों को देखकर क्या सोच रहा होगा?

(घ) मोर क्या कर रहा है?

(ङ) इस चित्र में आपको क्या-क्या दिखाई दे रहा है?

जीवन कौशल

बारिश सभी के लिए क्यों जरूरी है? सूखा पड़ जाने की स्थिति में आप लोगों की सहायता किस प्रकार करेंगे?

अत्यधिक वर्षा होने की स्थिति में आप लोगों की किस प्रकार सहायता करेंगे?

1. दिए गए शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए-

(क) बारिश + + + + +

(ख) मीठी + +

(ग) फूल + + +

(घ) खुशी

(ङ) धरती +

2. दिए गए शब्दों के तुकांत शब्द लिखिए-

(क) जल

(ग) तान

(ङ) मीठी

(छ) फूल

(ख) नव

(घ) ताल

(च) काले

(ज) जान

3. दिए गए विशेषता बताने वाले शब्दों से वाक्य बनाइए-

(क) नन्ही

(ख) सुंदर

(ग) नई

(घ) प्यारी

(ङ) अच्छी

Creativity and Innovation

‘जब बारिश की वजह से स्कूल की छुट्टी हो गई।’ वास्तविक या काल्पनिक घटना का वर्णन कीजिए।

अधिक बारिश होने तथा कम बारिश होने का प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

The post भुवनेश्वर की यात्रा appeared first on FreeJobAlert.Com.de.

]]>
https://www.freejobalert.com.de/%e0%a4%ad%e0%a5%81%e0%a4%b5%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be/feed/ 0 45